बिजनेस अच्छा या नौकरी आज के समय में युवा कन्फ्यूजन में है कि वे नौकरी करें या बिजनेस। युवाओं को चाहिए कि वे अपने आसपास की आम जीवन का अवलोकन करें। और आम जनजीवन को समझने की कोशिश करें।
बिजनेस अच्छा या नौकरी
युवाओं की कंफ्यूजन को दूर करने के लिए बिजनेस और नौकरी को परिभाषित किया जा रहा है। इससे युवाओं को अपने करियर के चयन में मदद मिलेगी।बिजनेस अच्छा या नौकरी।
बिजनेस
बिजनेस एक तरह से स्वरोजगार होता है। इसमें हम अपने बिजनेस का स्वयं मालिक होते है। इसमें हमें यह चाहिए कि हमें कोई भी बिजनेस स्टार्ट करने से पहले उसके बारे में हमें पूरी तरह से जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। तथा उसमें हमें अपने रूचि का भी ध्यान रखना चाहिए।
नही तो होता क्या है कि हम बिना सोचे समझे किसी भी बिजनेस को स्टार्ट तो कर देते है परन्तु जब हमें उसका कोई परिणाम नहीं मिलता हैं तब हमारा पूरी तरह से वह बिजनेस फ्लाप हो जाता है।
अतः हमारे युवाओं को किसी भी बिजनेस को स्टार्ट करने से पहले हमें उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए तथा हमें इसमें अपनी रूचि का भी ध्यान रखना चाहिए। इससे हमें उस बिजनेस में लगभग-लगभग सफलता प्राप्त होती है तथा उससे हमें एक अच्छा खासा इनकम भी प्राप्त होता है।बिजनेस अच्छा या नौकरी।
नौकरी
नौकरी एक प्रकार से सीधे भाषा में कहा जाये तो यह एक गुलामी होती है। जिसमें हम कुछ पैसों के लिए मंथली-मंथली भर गुलामी करते रहते है। इसमें हमारी आजादी छीन जाती है। इसमें हमारे पास कोई अधिकार नहीं होता है।
इसमें हम चाहे जितना भी मेहनत कर लें परन्तु उस मेहनत का पूरा मेहनताना भी हमें नहीं मिल पाता है।
इसमें हम जिस सेठ की नौकरी करते है।उसका सबसे ज्यादा फायदा होता है।फिर भी नौकरी करने वालों को समय पर वेतन भी नहीं दिया जाता है।
इस प्रकार से हमारे युवाओं को किसी की गुलामी नहीं करना चाहिए। बल्कि युवाओं को आपस में मिलकर किसी भी बिजनेस को स्टार्ट करना चाहिए तथा उसमें मेंहनत कर एक अच्छा खासा इनकम जनरेट करना चाहिए। बिजनेस अच्छा या नौकरी।
बिजनेस अच्छा या नौकरी बिजनेस और नौकरी में अंतर
बिजनेस और नौकरी में अंतर कई प्रकार से हैं जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है जो इस प्रकार से हैं।
- बिजनेस में हम स्वतन्त्र होते है तो वहीं पर हम नौकरी में गुलाम रहते हैं।
- बिजनेस में अनुभव एवं चलाकी तथा उस बिजनेस के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए जबकि नौकरी में ऐसा कुछ नहीं होता है। अनुभवहीन युवा भी नौकरी आसानी से कर सकता है।
- बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए पूंजी की आवश्यकता होती है जबकि नौकरी में इस की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
- बिजनेस में सफल होने के बाद हमें एक अच्छी खासी इनकम जनरेट होती है जबकि नौकरी में एक तय सीमा तक ही सैलरी प्राप्त होती है।
- बिजनेस में युवा का विकास सभी प्रकार से होता है। आर्थिक रूप से विकास, सामाजिक रूप से विकास, राजनीतिक रूप से विकास आदि। जबकि नौकरी में युवक का विकास रुक जाता है वह एक बंधिस जीवन गुजारता है और अपने जीवन को इसी तरह से व्यतीत करता है।
- बिजनेस में हम पूरी तरह से अपने घर-परिवार परिवार का भरण-पोषण तथा बच्चों का अच्छी तरह से शिक्षा, खान-पान, परवरिश कर सकते हैं। जबकि नौकरी में ऐसा नहीं होता है इसमें हम बड़ी मुश्किल से ही हम अपने घर-परिवार तथा बच्चों का भरण-पोषण पोषण करते हैं।
- बिजनेस में हम अपने हिसाब से कार्य ,स्थान का चयन कर सकते हैं जबकि नौकरी में हम ऐसा नहीं कर सकते है।
- बिजनेस में हम अपने किसी दोस्त, रिश्तेदार आदि की मदद कर सकते है। जबकि नौकरी में हम ऐसा नहीं कर सकते है।
निष्कर्ष
अतः हम उपरोक्त लिखित वाक्यांश के आधार पर हम यह कह सकते है कि हमारे युवाओं को अपने आर्थिक स्थिति और रूचि के अनुसार ही अपने लिए बिजनेस या नौकरी का चयन करना चाहिए।बिजनेस अच्छा या नौकरी।
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