Anhkar आज हमारे समाज में लोगों के अंदर बहुत ज्यादा अहंकार है मानव अपना जीवन इसी के कारण बर्बाद कर रहे हैं आजकल प्रत्येक उम्र के लोगों के अंदर यह भरा पड़ा है लोग इसमें इतने मस्त है कि उन्हें इसके कारण अपना असली चेहरा दिखाई नहीं पड़ता है जिस कारण उनका जीवन अंधकार में गुजरता है।
अहंकार का परिवार में प्रभाव
हमारे परिवार में भी अहंकार आजकल बहुत ज्यादा ही हावी है इसके कारण पिता-पुत्र, पति-पत्नी, भाई -बहन आदि पारिवारिक रिश्ते भी इसके चपेट में आगे हैं पिता इसके कारण अपने पुत्र का जीवन बर्बाद कर रहा है अपने बेटे का समस्या को ना समझकर उसकी हल निकाल कर एवं उसका सहयोग न कर उसका जीवन अंधकार में डालने की कोशिश कर रहा है और उसे मुसीबत में डाल रहा है
अहंकार का समाज में दुष्प्रभाव
हमारे समाज में आज अहंकार लोगों के अंदर बहुत ज्यादा है यह एक ऐसा गुण है जो मानव की इंसानियत को उससे छीन लेता है अहंकारी आदमी अपने इस अवगुण में 24 घंटे चूर रहता है वह अपने आगे किसी को नहीं गिनता है
उसके अंदर प्रेमभाव, मानवीय संवेदना आत्मीयता नहीं होती है वह सिर्फ पैसों का मान सम्मान करता है बाकी दूसरे आदमी उसको एक कचरा नजर आते है बाकी लोगों को उसका व्यवहार सिर्फ मतलब का होता है अर्थात जब उसे कोई मतलब होता तभी वह
दूसरो से व्यवहार करता है अहंकारी आदमी अपने घर परिवार में भी लोगों को परेशान करता है वह अपने परिवार को परेशान करता है अपने इस नशे में इस कदर उसको नशा होता है कि वह अपने घर परिवार में अपने बेटे बेटी पत्नी, माता-पिता को भी परेशान करता है इस प्रकार से हम युवाओं को अंहकारी नहीं होना चाहिए।
अहंकार का परिवार के विकास में दुष्प्रभाव
अहंकारी आदमी अपने अहंकार से दूसरों का ही नहीं बल्कि वह अपना खुद का भी नुकसान पहुंचता है लोगों की नजर में वह एक गलत आदमी बन जाता है।
अहंकारी आदमी को सिर्फ अपना फैसला ही सही लगता है यदि उसको कोई अच्छा राय भी देता है और उसे समझाता है तब वह उसकी बातों को नहीं समझता है इसलिए नहीं कि वह गलत बता रहा है बल्कि इसलिए कि उसे अपना बात ही राय ही सही लगता है चाहे वह गलत ही क्यों न हो
अतः हमें इस प्रकार से इससे बचना चाहिए।
अहंकार का आर्थिक स्थिति विकास में दुष्प्रभाव
समाज में हमें ऐसे नमूने देखने को मिलेंगे जो अपने इस अवगुण के कारण न कोई कार्य करते हैं और नाहीं कोई कोशिश करते हैं वह अपना दिनचर्या यहां वहां गांव आसपास होटल में बैठकर अपना समय व्यतीत करते हैं और अपना समय बर्बाद करते हैं वह अपने परिवार में अपने माता-पिता और पत्नी बेटा बेटी की जरूरत को अपने मेहनत के बल पर कोई कार्य न कर बल्कि उन्हें परेशान करते हैं ऐसे आदमी अपनी बातों का धनी होता है वह अपने आगे किसी को भी नहीं समझता है उसके अंदर मानवीय गुण नहीं होता है और वह लोगों को बेमतलब की बातों के बारे में बात कर अपने आप को संतुष्ट करता है
इस अवगुण के कारण आदमी अपने आसपास के लोगों से बेमतलब झगड़ा भी करता है ऐसा आदमी समाज के लिए घातक होता है क्योंकि वह अपने परिवार समाज के लिए कुछ नहीं करता है और यदि कोई कुछ कार्य करता है तो वह उसमें बाधा डालता है।
उदहारण के तौर पर जब कोई मेहनती आदमी अपना खुद का व्यवसाय शुरूवात करता है तो ऐसे आदमी उसके पास जाकर उसके कार्य को नीचा बताकर उसे सभी तरह से उसका हिम्मत तोड़ देता है और वह मेहनती आदमी को बहुत निराशा होती है
हालांकि वह अपने कार्य में सफलता प्राप्त कर सकता था परंतु उस आदमी के कारण उसका सब कुछ बिगड़ जाता है और वह उस कार्य को नहीं कर पाता है और वह अहंकारी आदमी अपने काम में सफल होकर चैन लेता है
अहंकार का समाज में प्रभाव निम्न प्रकार से है।
ऐसे आदमी अपने परिवार में भी अपने इस अवगुण का प्रयोग करता है यदि उसके परिवार में भी कोई सदस्य उसके पास आकर किसी कार्य की शुरुआत करने के लिए कहता है और उससे अपना सपोर्ट करने के लिए कहता है तब वह आदमी कहता है कि तुम्हें इस कार्य में सफलता नहीं प्राप्त होगी जब तक मैं इस कार्य को नहीं करूंगा जब मैं इस कार्य को करूंगा
तब तुम करना।
इस प्रकार से वह उसे निराश करता है
इस प्रकार से आदमी अपने परिवार के सदस्यों को भी जिंदगी को तबाह कर देता है
आदमी अपने समाज के लोगों को भी परेशान करता रहता है क्योंकि उसके पास जो भी कुछ होता है जमीन जायदाद। उसका उसे बहुत घमंड होता है और सब लोगों से सीधी बात नहीं करता है
उदहारण के तौर पर यदि कोई उससे यह कहें कि अब तुम्हारे फसल में खाद डालने की जरूरत है
तब वह अपने इस अवगुण में चूर होकर कहता है कि कोई तुमसे पूछता है ऐसा आदमी किसी व्यक्ति का बात को समझने की कोशिश नहीं करता है वह अपने इस अवगुण के कारण उसे दुत्कार देता है
वह अपने घर में अपनी पत्नी तथा बेटा बेटी को परेशान करता है उनके लिए भोजन कपड़ा आदि जरूरी चीजों की व्यवस्था नहीं करता है और उन्हें मारता पीटता भी है ऐसा आदमी अपने घर परिवार और समाज के लिए घातक साबित होता है
अतः हमारे युवाओं को इस अवगुण दूर रहना चाहिए वरना इस अवगुण के कारण कई लोगों की जिंदगी बर्बाद हो सकती है
ऐसे आदमी का जीवन में ना तो कोई लक्ष्य होता है और ना ही कोई जीवन में आशा ।उसका जीवन इसी तरह गुजर जाता है उसके अंदर माननीय संवेदना नहीं होती है इस तरह उसका जीवन व्यर्थ चला जाता है
इस प्रकार से हमें अहंकारी नहीं होना चाहिए।
अहंकार के द्वारा पूरे मानव समाज को नष्ट किया जा सकता है ऐसे आदमी का जीवन भी अंधकार में गुजरता है उसे भरम होता है कि उसका जीवन अच्छी तरह से चल रहा है परंतु अंदर ही अंदर बहुत घुटन महसूस करता है वह एक बकवास जिंदगी जीता है और लोगों को परेशान करता रहता है इस तरह उसका जीवन गुजरता है और उसमें कोई परिवर्तन नहीं आता है
अहंकार का निष्कर्ष
हमारे गांव समाज में लोगों के अंदर यह भावना बहुत ज्यादा आती है जिस कारण लोगों का कोई विकास नहीं होता वह अपने परिवार में सभी सदस्यों को दबाते रहते हैंउनके इस दोष के कारण उनका अपना परिवार आर्थिक रूप से सामाजिक रूप से कमजोर होते जाते हैं इस प्रकार से आज हमारे भारत में बच्चों को छात्रों को इस प्रकार से संस्कार, शिक्षा देना चाहिए कि उनके अंदर अहंकार की भावना न पनप सके।
हमारे गांव , समाज को इस गलत भावना से दूर रहना चाहिए जिसका परिणाम हमें बहुत अच्छा मिलेगा।इससे बहुत दूर रहना चाहिए
इसके कारण ही हमारा पूरी तरह से विकास नहीं होता है यह एक ऐसा दोष है जो हमारे समाज में बहुत ज्यादा है अतः हमें इसको अपने समाज से दूरी बनाना चाहिए हम युवाओं से ही यही अपील करते हैं
हमें आज अहंकारमुक्त समाज बनाने की जरूरत है जिसमें हमारे युवाओं को सबसे ज्यादा योगदान देना चाहिए।।
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