Parents Day 2024

Parents Day प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई को मनाया जाता है। Parents Day एक विशेष डे होता है। माता-पिता ही अपने बच्चों का परवरिश अच्छे ढंग से कर सकते है।

मां अपने बच्चे को अपनी कोख में नौ महीने में ही उसका पालन-पोषण करती है । तो पिता भी अपने बच्चे के जन्म से पहले ही अपने बच्चे के पालन-पोषण के लिए धन कमाता है।

Parents Day
Parents Day

‘एक अच्छे माता-पिता का फर्ज होता है कि वे अपने बच्चों का पालन-पोषण अच्छी तरीके से करें’।  Parents Day

Parents Day का सही अर्थ इस प्रकार से होता है कि इस पृथ्वी पर प्रत्येक मनुष्य बचपन में अपने माता-पिता पर ही निर्भर रहता है।

इस प्रकार से यह मानव समाज चलता आ रहा है। माता-पिता अपने बच्चों का पालन-पोषण किये तो फिर वही बड़े होकर माता-पिता बनते है फिर वे अपने बच्चों का पालन-पोषण करते है। इस तरह से यह प्रकिया मानव समाज में चलता रहता है।

जिस तरह से माता-पिता अपने बच्चों का पालन-पोषण तथा देखभाल करेंगे। बड़ा होने पर वह बच्चा भी अपने माता-पिता का देखभाल करेंगा । उसी प्रकार से करेगा।

यदि हम अपने बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे तो वह भी हमारे साथ अच्छा व्यवहार करेगा। वही पर यदि हम अपने बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करेंगे तो वह भी हमारे साथ वैसा ही व्यवहार करेगा।

इस तरह से हमें अपने बच्चों का पालन-पोषण अच्छी तरह से करना चाहिए।

Parents Day माता-पिता का कर्तव्य बच्चों के प्रति

आज parents Day  पर हम माता-पिता का कर्तव्य बच्चों के प्रति के बारे में विस्तार से जानेंगे।

समाज में बच्चे एवं उनके माता-पिता एक साथ रहते हैं।माता-पिता अपने बच्चे के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

भारतीय समाज में परिवार में बच्चों का बहुत बड़ा महत्व होता है। यदि परिवार में बच्चा होता है तो उस परिवार का माहौल खुशमय होता है। वही पर जिस परिवार में बच्चा नहीं होता है। तो उस परिवार का माहौल दुखमय होता है।

माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों का अच्छी तरह से पालन-पोषण करें एवं उनको अच्छी शिक्षा देने की व्यवस्था करें।

माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चे से दुर्व्यवहार न करें।उन पर कोई जबरदस्ती, डांट-फटकार न लगाएं। क्योंकि बच्चे मन के सच्चे होते है वे मासूम होते है।

यदि उन पर झूठ की डांट-फटकार लगायी जाती है तो उस बच्चे का मानसिक विकास रूक जाता है और उस बच्चे का स्वास्थ्य भी गिर जाता है।

बच्चों से माता-पिता को प्यार दुलार करना चाहिए। एवं उनके धीरे-धीरे बड़े होने पर उनका मान-सम्मान, इज्जत करना चाहिए।

माता-पिता के ऊपर ही निर्भर होता है कि वे चाहे तो अपने बच्चों को देवता बनाये और चाहे तो शैतान।

बच्चे घड़े के कच्चे मिट्टी की तरह होते है । आप जिस प्रकार का आकार उन्हें देंगे।वे उसी तरह से चल जायेंगे।

अतः हमें अपने बच्चों को शारीरिक रूप से, मानसिक रूप से एवं भावनात्मक रूप से उनके विकास में अपना योगदान देना चाहिए।

यदि हमारा बच्चा शारीरिक रूप से, मानसिक रूप से एवं भावनात्मक रूप से विकास करता है तो वह आगे जाकर अपने जीवन में जरुर सफल होगा।

वही पर यदि हमारा बच्चा शारीरिक रूप से, मानसिक रूप से एवं भावनात्मक रूप से विकास नहीं करता है तो वह आगे जाकर अपने जीवन में असफलता को प्राप्त करेगा।

अतः इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों का उनके विकास में सहयोग करना चाहिए। Parents Day

Parents Day बच्चों का माता-पिता के प्रति कर्तव्य

बच्चों का भी अपने माता-पिता के प्रति कर्तव्य बनता है कि वे अपने माता-पिता का मान-सम्मान, इज्जत करें एवं उनका कभी भी अनादर न करें।

बच्चों को अपने पिता का देखभाल करना चाहिए। जिस तरह से पिता ने अपने बच्चों को संघर्ष कर पाला-पोसा है उसी तरह से जब बच्चे कमाने लायक हो जाये तो उन्हें भी अपने पिता का आर्थिक रूप से मदद करना चाहिए।

एवं माता ने जिस तरह से प्रत्येक स्थिति में अपने बच्चों को पाला-पोसा है तथा उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा है। उसी तरह से बच्चे का भी फर्ज बनता है कि वह भी अपने माता का जब वह बड़ा हो जायें। तो अपने माता का स्वास्थ्य का ख्याल करना चाहिए। एवं उनको स्नेह करना चाहिए। और उनको खुश रखना चाहिए।

इसी तरह से जब बच्चे बड़े हो जाएं तो उन्हें अपने माता-पिता का देखभाल अच्छी तरह से करना चाहिए। Parents Day

Parents Day पर कुछ Point

  • जिस घर में माता-पिता का अपने बच्चों से अच्छा व्यवहार रहता है एवं वे लोग अपने बच्चों से आपस में संवाद करते हैं तो वह परिवार प्रत्येक स्थिति में एक अच्छा जीवन यापन करेंगे।
  • जिस घर में माता-पिता एवं बच्चे के बीच व्यवहार खराब है एवं उनके बीच आपस में संवाद नहीं होता है तो वह परिवार प्रत्येक स्थिति में एक खराब जीवन यापन करने के लिए विवश होगा।
  • पिता को कभी भी अपने बच्चों पर किसी भी चीज को थोपना नहीं चाहिए। एवं उनसे जबरदस्ती,डांट-फटकार के द्वारा कोई भी कार्य नहीं करवाना चाहिए।
  • माता को कभी भी अपने बच्चों में अंतर नहीं करना चाहिए। माता को अपने सभी बच्चों को एक समान रूप से स्नेह एवं व्यवहार करना चाहिए।
  • माता-पिता एवं बच्चे आपस में मिलकर कोई भी करियर की शुरुआत कर सकते है। और अपना जीवन अच्छे से गुजार सकते है।

निष्कर्ष

अतः हम उपरोक्त वाक्यांश के आधार पर यह कह सकते है कि माता-पिता को अपने बच्चों का पालन-पोषण अच्छी तरह से करना चाहिए एवं बच्चों को भी अपने माता-पिता का देखभाल अच्छे से करना चाहिए।

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3 thoughts on “Parents Day 2024”

  1. माता-पिता और बच्चों के बीच के रिश्ते पर यह बहुत ही सार्थक लेख है। माता-पिता के प्रति बच्चों की जिम्मेदारी और बच्चों के प्रति माता-पिता के कर्तव्य को बहुत अच्छी तरह से समझाया गया है। यह सच है कि बच्चे माता-पिता के व्यवहार से बहुत प्रभावित होते हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के साथ प्यार और सम्मान से पेश आएं। यहां यह भी कहा गया है कि अगर हम बच्चों के साथ गलत व्यवहार करेंगे तो वे भी हमारे साथ वैसा ही कर सकते हैं। इसलिए, बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देना बहुत जरूरी है। क्या आपको नहीं लगता कि बच्चों के विकास में माता-पिता की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है?

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  2. यह लेख माता-पिता और बच्चों के बीच के संबंधों को बहुत गहराई से समझाता है। मुझे लगता है कि यह बात सही है कि बच्चों का पालन-पोषण और उनके साथ व्यवहार उनके भविष्य को प्रभावित करता है। लेकिन क्या आपको नहीं लगता कि आज के समय में माता-पिता के पास इतना समय नहीं है कि वे अपने बच्चों को पूरा ध्यान दे सकें? मैंने देखा है कि कई बच्चे अपने माता-पिता से दूर होते जा रहे हैं। क्या यह सही है? मुझे लगता है कि हमें अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताना चाहिए। क्या आपको नहीं लगता कि बच्चों के साथ प्यार और सम्मान का व्यवहार करना उनके विकास के लिए जरूरी है? मैं यह जानना चाहता हूं कि आपके विचार में बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए?

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  3. माता-पिता का बच्चों के प्रति यह दायित्व वाकई प्रशंसनीय है। यह सही है कि बच्चों का पालन-पोषण और शिक्षा उनके भविष्य की नींव रखती है। मैं मानता हूँ कि बच्चों के साथ प्यार और सम्मान का व्यवहार करना उनके विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह बात सच है कि बच्चों पर डांट-फटकार का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, लेकिन क्या हमेशा प्यार और दुलार ही काफी है? क्या कभी सख्ती की आवश्यकता नहीं होती? मेरा मानना है कि संतुलित तरीके से पालन-पोषण करना ही सही है। क्या आपको नहीं लगता कि बच्चों को जीवन की कठिनाइयों से भी अवगत कराना चाहिए?

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