मानसिक स्वास्थ्य 2024

मानसिक स्वास्थ्य मानसिक स्वास्थ्य से तात्पर्य है कि किसी भी व्यक्ति का मानसिक रूप से स्वस्थ होना ही मानसिक स्वास्थ्य कहलाता है।

हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में ध्यान नही दिया जाता है।

मानसिक स्वास्थ्य
मानसिक स्वास्थ्य

मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक हमारे बचपन से हमारे बचपन से आस-पास, घर के माहौल से बनता है।

माता-पिता एवं घर के अन्य सदस्यों का आपस में कैसा व्यवहार है।इस व्यवहार के द्वारा ही बच्चा अपने मानसिक स्थिति को पाता है।

यदि बच्चे के माता-पिता में आपस में प्रेम-भाव है । तो बच्चा भी बड़ा होकर इस प्रेम-भाव के कारण उस का मानसिक विकास अच्छी तरह से होता है। और वह मानसिक रूप से स्वस्थ होता है।

वहीं पर यदि बच्चे के माता-पिता का आपस में नफरत वाला भाव एक-दूसरे के प्रति है तो बच्चा बड़ा होकर इस नफरत भाव के कारण उसका मानसिक विकास नही हो पाता है और वह मानसिक रूप से बिमार हो जाता है।

अतः माता-पिता को आपस में प्रेम-भाव के द्वारा मिलजुलकर अपने बच्चों को अनुकूल वातावरण प्रदान करना चाहिए। जिससे बच्चा बड़ा होकर उनका मान-सम्मान करें तथा उनके बुढ़ापे का सहारा बनें।

वहीं पर यदि बच्चा खराब माहौल में पलता है तो वह बड़ा होकर मानसिक रूप से बिमार होने के कारण अपने माता-पिता का इज्जत नही करता है और उन माता-पिता के लिए बच्चा अभिशाप बन जाता है।

मानसिक स्वास्थ्य का सही अर्थों में यह अर्थ होता है कि कोई भी मनुष्य जब वह शारीरिक रूप से विकसित, मानसिक रूप से स्वस्थ तथा भावनात्मक रूप से मजबूत एवं मनोवैज्ञानिक रूप से विकसित होता है तो वह मनुष्य मानसिक रूप से स्वस्थ होता है।

हमारे समाज में युवाओं को चाहिए कि वह अपने समाज, घर-परिवार में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में लोगों को जानकारी देनी चाहिए।

जिस मनुष्य का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होता है वह मनुष्य अपने जीवन को अच्छी तरह से व्यतीत करता है। मानसिक स्वास्थ्य का असर प्रत्येक व्यक्ति पर पड़ता है यदि वह अपने घर-परिवार में सदस्यों द्वारा बातचीत करता है। तो यदि वह जिनसे संवाद करता है वह अच्छे तरह से बातचीत एक-दूसरे से करते हैं तो वहां पर उन दोनों व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होता है।

वहीं पर जहां एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से बदतमीजी से संवाद करता है यानी दोनों एक-दूसरे को बेइज्जत अनादर करते है । तो वहां पर उन दोनों व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है।

हमारे समाज में एक कहावत प्रचलित है कि ‘मन के हारे हार,मन के जीते जीत`। इस कहावत का सीधा-सा अर्थ है कि यदि किसी मनुष्य का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। लगातार उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया है,लोग उसके खिलाफ है

तो वह मानसिक रूप से बुरी तरह से टूट जाता है।जिससे उसका जीवन नर्क के समान हो जाता है। वह जीते जी ही एक मरे हुए इंसान की तरह अपना जीवन व्यतीत करता है।वह एक जिंदा लाश की तरह हो जाता है।

वह अपने जीवन को एक सकारात्मक दिशा की तरफ नहीं ले जा पाता है। अतः वह ‘मन के हारे हार` जाता है।

मानसिक स्वास्थ्य होने के लिए सुझाव

  • हमें गंदे तरह से बातचीत, दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्तियों से दूर रहना चाहिए। क्योंकि जितना हम इनसे दूर रहेंगे उतना ही हम मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे।
  • हमें अपने ऊपर विश्वास करना चाहिए। यानी हमें आत्मविश्वासी होना चाहिए। क्योंकि यदि हमारा आत्मविश्वास कमजोर रहेगा तो लोग इसका गलत तरह से फायदा उठा सकते है। वहीं पर यदि हमारा आत्मविश्वास मजबूत रहेगा तो लोगों का गलत तरह के व्यवहार का असर हमारे ऊपर नहीं पड़ेगा। इस प्रकार से हम अपने आप को मानसिक रूप से स्वस्थ बना सकते है।
  • यदि हमारे परिवार के द्वारा ही हमारा मानसिक रूप से एवं भावनात्मक रूप से शोषण किया जाता है तो हमें अपने मानसिक स्थिति का अवलोकन करना चाहिए। इसमें होता क्या है कि हम अकेले हो जाते है और हमारी मानसिक स्थिति बहुत ही खराब एवं दयनीय हो जाती है। इससे बचने के लिए हमें चाहिए कि हम अपने आस-पास पास,रिश्तेदार एवं समाज द्वारा मदद की गुहार लगानी चाहिए। जिससे समाज के एवं लोगों के द्वारा हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके।
  • वहीं पर किसी मनुष्य के साथ उसके घर-परिवार, नाते-रिश्तेदार एवं गांव, समाज को लोग उसके साथ अच्छा व्यवहार करते है तो उस मनुष्य का मानसिक स्थिति अच्छा होता है। उसके अन्दर उत्साह होता है। वह अपने जीवन अच्छी तरह से व्यतीत करता है।
  • युवाओं को अपने मानसिक स्थिति को स्वास्थ्य बनाने के लिए अनावश्यक चीजों के बारे में टेंशन नहीं करना चाहिए। उन्हें अपने जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों और जिम्मेदारीयो का अच्छी तरह से निर्वाहन करना चाहिए। जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बना रहेगा।
  • युवाओं को चाहिए कि जो विचार,चीज एवं कार्य उनके लिए अनकम्फर्टेबल हो उससे उसे बचना चाहिए।उसे अपने जीवन में उस विचार,चीज एवं कार्य को नजरंदाज कर देना चाहिए।इस प्रकार से हम अपने आप को मानसिक रूप से स्वास्थ्य बना सकते है।
  • युवाओं को अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अपने घर-परिवार एवं अन्य लोगों से संतुलन बनाये रखना चाहिए।

मानसिक स्वास्थ्य निष्कर्ष

अतः अंत में हम उपरोक्त लिखित वाक्यांश के आधार पर यह कह सकते है कि हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य को अपने आत्मसम्मान, आत्मविश्वास के द्वारा बनाये रख सकते है।

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